अनुपमा और अनुज एक साथ कपाड़िया
मेंशन पहुंचते है। लेकिन वहां पहुंचते ही बरखा
अनुपमा को सबके सामने नीचा दिखाने की
कोशिश करती है। वो अपने साथ मीडिया
वालों को भी बिना पूजा के अंदर ले जाती है
जिसकी वजह से अनुपमा अंदर ही अंदर
काफी निराश हो जाती है। बरखा कहती है
कि ये कोई मंदिर नहीं है। ऐसे में अनुपमा गुस्से
में आकर कहती है कि लोग विदेशों में फर्क करते
होंगे, लेकिन यहां घर को ही मंदिर माना जाता है।