बुधवार की तड़के सिकंदराबाद के भोईगुड़ा में एक लकड़ी डेपो के गोदाम में भीषण आग लगने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई।
पुलिस ने कहा कि आग तड़के करीब चार बजे लगी और दिहाड़ी पर काम करने वाले अधिकतर पीड़ित बिहार के रहने वाले थे।
हादसे के वक्त घटनास्थल पर कम से कम 15 मजदूर सो रहे थे। जबकि दो व्यक्ति सुरक्षित बच गए, जबकि 13 अंदर फंस गए। बचाव अधिकारियों ने 11 शवों को निकाल लिया है और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए गांधी अस्पताल के मुर्दाघर में भेज दिया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने the hindu अख़बार को बताया की जब गोदाम में आग लगी तब सभी मज़दूर गोदाम के अंदर ही दो कमरों में सो रहे थे अधिकारी ने बताया की की हम ऐसा अनुमान लगा रहे है की वे सभी कमरों में फस गए होंगे और धुएं में साँस लेने की वजह से उनका दम घुट गया होगा उसके बाद उनकी जलने से मौत हुई होगी।
आग पर काबू पाने के लिए दमकल की नौ गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। अधिकारियों को आशंका है कि आग लगने की वजह शार्ट सर्किट हो सकता है। हालांकि, सटीक कारण का अभी पता नहीं चल पाया है।
शवों को पहचान नहीं हो सकी है विशेषज्ञ शव परीक्षण के बाद अंतिम संस्कार के लिए उनके शव परिवार के सदस्यों को सौंपे जाने से पहले पीड़ितों का डीएनए परीक्षण करेंगे।
अधिकारी ने शुरू में कहा, “11 लोगों की मौत जलने के कारण हो चुकी है, जबकि एक व्यक्ति को बचा लिया गया।”
आग पर काबू पाने के बाद, दमकलकर्मियों ने आग में फंसे श्रमिकों का पता लगाने के लिए परिसर की व्यापक तलाशी ली।
घटना की जानकारी मिलते ही हैदराबाद के कलेक्टर शरमन और पुलिस आयुक्त सी.वी. आनंद मौके पर पहुंचे। बाद में श्री शरमन गांधी अस्पताल गए।
शवों को मोर्चरी में ले जाने के मद्देनजर गांधी अस्पताल में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
पशुपालन मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव ने भी घटनास्थल का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की। पत्रकारों से बात करते हुए श्री यादव ने कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से पीड़ितों के परिवारों को सहायता प्रदान करने का वादा किया।
सीएम ने दी संवेदना
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने आग दुर्घटना में 11 प्रवासी श्रमिकों की मौत पर शोक व्यक्त किया।
उन्होंने प्रत्येक पीड़ित के परिवार को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की और मुख्य सचिव सोमेश कुमार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पीड़ितों के शवों को पोस्टमॉर्टम के बाद बिहार भेजा जाए।