राजसमंद। माँ की ममता ऐसी है कि बच्चे के हर घाव को वह अपने शरीर पर लगे नासूर की तरह समझती है। प्यार से पाले-बढे बच्चे अगर अपराध के दलदल में फंसते है, तो मां का क्या होता है, यह तो वही जानती है। ऐसे बेटे की करतूत से दुखी होकर एक मां ने अपने प्राण त्याग दिए। लेकिन इससे पहले वह अस्पताल में अपने घायल बेटे से मिले। बेटे के शरीर पर जख्म देखे। बेटे की हरकतों से उनका मन इतना दुखी हो गया कि आखिरकार उन्होंने जिंदगी से मुंह मोड़ लिया। राजसमंद में एक हिस्ट्रीशीटर की मां ने जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. दीपक मेनारिया उदयपुर का हिस्ट्रीशीटर है।
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कांकरोली थानाधिकारी डीपी दाधीच ने बताया कि शुक्रवार की शाम दीपक मेनारिया और किशन मेनारिया केलवा में एक प्रापर्टी डीलर का अपहरण कर रहे थे. इस दौरान आरोपी और पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गई। फायरिंग के बाद पुलिस ने दीपक और उसके साथी किशन को गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ में घायल दीपक को पुलिस ने राजसमंद के आरके अस्पताल में भर्ती कराया। वहां उनका इलाज चल रहा है। दीपक मेनारिया पर सुखेर थाने में हत्या, अपहरण, डकैती, रंगदारी, हत्या के प्रयास और अवैध हथियार से जुड़े 24 मामले दर्ज हैं।
गीता के मुंह से झाग निकल रहा था
शनिवार को उदयपुर निवासी उसकी मां गीता मेनारिया दीपक से मिलने अस्पताल पहुंची। पुलिस सुरक्षा के बीच वह करीब 15 से 20 मिनट तक दीपक से मिलीं। उसके बाद दोपहर करीब 3 बजे पति प्रेमशंकर ने मेनारिया को फोन किया और बताया कि तबीयत खराब हो गई है। आओ उठाओ इस पर पति प्रेमशंकर मेनारिया कार लेकर कांकरोली पहुंचे। गीता मेनारिया वहां सो रही थी और उसके मुंह से झाग निकल रहा था।
गीता का उदयपुर के गीतांजलि अस्पताल में निधन हो गया
प्रेमशंकर व परिजन उसे आरके अस्पताल ले गए। परिजन गीता को वहां भर्ती कराने के बजाय आनन-फानन में उदयपुर के गीतांजलि अस्पताल ले गए। वहां शनिवार रात 11 बजे उसकी मौत हो गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। गीता के जहर खाकर आत्महत्या करने की रिपोर्ट परिजनों ने दी है। अब पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.
CCTV फुटेज में गीता दीपक से नाराज दिख रही थी
सूत्रों की माने तो गीता देवी पहले ही जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने का मन बना चुकी थी. इससे पहले वह अपने बेटे को आखिरी बार देखना चाहती थीं। अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज देखने से साफ पता चलता है कि गीता देवी अपने बेटे दीपक से काफी नाराज थीं। वह उसे बार-बार फटकार रही थी। गीता देवी शनिवार की सुबह 11 बजे अपने हिस्ट्रीशीटर बेटे दीपक से मिलने के लिए घर से निकली थी। 12 बजे के बाद आरके अस्पताल पहुंचे। वहां भर्ती दीपक से बात की। इस दौरान उन्होंने कंबल हटाया और दीपक के पैर व शरीर पर जख्म भी देखे। इस दौरान उनके साथ पुलिस कर्मी भी मौजूद रहे।
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