Business Idea: देश का 80 फीसदी से अधिक जीरा गुजरात और राजस्थान में उगाया जाता है। 5 एकड़ में जीरे की खेती से करीब 2 लाख रुपये की कमाई हो सकती है
कोरोना काल में कई पढ़े-लिखे लोग खेती का सहारा ले रहे हैं। अगर आप खेती से अच्छा जीवन यापन करना चाहते हैं, तो हम आपको एक ऐसे उत्पाद के बारे में बताएंगे, जिसकी पूरे साल लगातार मांग रहती है। आज हम जीरे की खेती के बारे में बात करने जा रहे हैं। जीरा एक ऐसा मसाला है जो लगभग हर भारतीय रसोई में पाया जा सकता है।

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जीरे में कई चिकित्सीय गुण होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप मांग में दुगनी वृद्धि होती है। हल्की, दोमट मिट्टी में जीरे की खेती सबसे अच्छी मानी जाती है। ऐसी मिट्टी में जीरे की खेती सीधी होती है। इसके लिए खेत की पर्याप्त जुताई करके उसे उखड़ कर बनाना चाहिए। जिस खेत में जीरा बोना है, उसे बोने से पहले खरपतवारों से मुक्त कर देना चाहिए।
जीरा की अच्छी किस्में (Business Idea)
तीन प्रकार के जीरा अच्छे लोगों में से एक हैं। RZ 19 और 209 दो भिन्नताएं हैं। RZ 223 और GC 1-2-3 अच्छे विकल्प हैं। इस प्रकार के बीज 120-125 दिनों में पक जाते हैं। इन जीनोटाइप्स की औसत उपज 510 से 530 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। नतीजतन, इस प्रकार के बढ़ने से अच्छा राजस्व मिल सकता है।
जीरे से कमाई (Business Idea)

गुजरात और राजस्थान देश के 80% से अधिक जीरे का उत्पादन करते हैं। राजस्थान देश के कुल जीरे के उत्पादन का 28 प्रतिशत उत्पादन करता है। जब उपज और लाभ की बात आती है, तो प्रति हेक्टेयर जीरे की औसत उपज 7-8 क्विंटल बीज प्रति हेक्टेयर होती है। जीरे की खेती की लागत 30,000 रुपये से 35.000 रुपये प्रति हेक्टेयर के बीच है। यदि जीरा 100 रुपये प्रति किलो के भाव पर हो तो 40000 से 45000 रुपये प्रति एकड़ का शुद्ध लाभ प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे में अगर 5 एकड़ में जीरे की खेती की जाए तो 2 से 2.25 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है.