आतंकी हमले का खामियाजा भुगत रही अदालत पर एक बार फिर बम धमाका करने की धमकी दी गई है. गत दो जून को जिला न्यायाधीश के कार्यालय में डाक के माध्यम से धमकी भरा पत्र भेजा गया था. इस मामले में गोपनीय जांच की गई। जिस व्यक्ति के नाम से धमकी भरा पत्र भेजा गया था, वह जांच में निर्दोष पाया गया है। फिर भी कोतवाली नगर में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
यह संवेदनशील मामला तब सामने आया जब सिविल कोर्ट चौकी प्रभारी विनय कुमार द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई। हालांकि कोर्ट की सुरक्षा पहले से ही मजबूत है, लेकिन धमकी भरा पत्र मिलने के बाद निगरानी और बढ़ा दी गई है. कोर्ट के साथ-साथ रामनगरी में अतिरिक्त सुरक्षा व निगरानी की जा रही है।
2 जून को पुरा कलंदर के दौलतपुर निवासी राशिद के नाम धमकी भरा पत्र भेजा गया था. पत्र मिलने के बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई। कोर्ट से जुड़े इस संवेदनशील मामले को लेकर पुलिस ने गुपचुप तरीके से पत्र की जांच करायी. पुलिस जब दौलतपुर जांच करने पहुंची तो राशिद ने बताया कि उन्हें पत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
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14-15 साल के राशिद का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। कई दौर की पूछताछ के बाद, पुलिस ने पाया कि राशिद के नाम का दुरुपयोग पत्र भेजने वाले के रूप में किया गया है। सीओ सिटी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. कोर्ट की सुरक्षा कड़ी है। परिसर और अदालतों की लगातार निगरानी की जा रही है. उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में समय-समय पर इसका परीक्षण भी किया जाता है।
साल 2007 में हुई थी आतंकी हमले की शिकार कोर्ट: 23 नवंबर 2007 को लखनऊ, बनारस और फैजाबाद कोर्ट में सीरियल ब्लास्ट हुआ था. फैजाबाद कोर्ट में हुए धमाके में एक वकील समेत चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 24 लोग घायल हो गए। कोर्ट में दो अलग-अलग जगहों पर बम धमाके हुए। इस घटना के बाद से कोर्ट की सुरक्षा और निगरानी कड़ी कर दी गई है.
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