मुजफ्फरनगर: भारतीय किसान यूनियन में चल रही बगावत व खींचातानी के बीच पुरे सूबे में भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक महिंदर सिंह टिकैत के साथी जो भारत में एक बडे किसान नेता भी थे कि मौत की खबर से किसानों में शोक की लहर दौड गई।
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक किसान मसीहा चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर किसानों की आवाज उठाने वाले गुलाम मोहम्मद जौला का हृदयगति रुकने से निधन हो गया। गुलाम मोहम्मद जौला ने बाद में भारतीय किसान मजदूर मंच के नाम से नए संगठन का निर्माण किया था।
आखिर कौन हैं गुलाम मोहम्मद जौला?

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गुलाम मोहम्मद जौला सीनियर टिकैत यानी महेंद्र सिंह टिकैत के जमाने से शुरू होती है. भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) का नेतृत्व जब महेंद्र सिंह टिकैत के हाथों में था तब गुलाम मोहम्मद जौला उनके आंदोलनों का मंच संभाला करते थे. बीबीसी में एक आर्टिकल में रेहान फजल लिखते हैं कि तब महेंद्र सिंह टिकैत के मंच पर कोई न कोई मुस्लिम नेता जरूर रहता था. असल में यह पश्चिमी यूपी में जाट-मुस्लिम एकता की अपनी तरह की एक कोशिश थी, जो काफी लंबे समय तक एक मजबूत गठजोड़ रही.
उस समय महेंद्र सिंह टिकैत और गुलाम मोहमद जौला के एक मंच से ही दिया था ‘हर हर महादेव अल्लाह हू अकबर’ का नारा दिया था ये नारा जाट-मुस्लिम एकता का प्रतीक था।