जन्मचिह्न प्रभाव: जन्म से ही किसी व्यक्ति के शरीर पर कुछ जन्म चिन्ह होते हैं। वे विभिन्न आकारों और आकारों में आते हैं और उनके अलग-अलग अर्थ भी होते हैं। ज्योतिष में बर्थमार्क को गुडलक और बैडलक के नाम से जाना जाता है। कुछ जन्म चिन्ह व्यक्ति के शुभ संकेत देते हैं तो कुछ अशुभ। समुद्र शास्त्र में इन जन्म चिन्हों के बारे में विस्तार से बताया गया है। आइए जानते हैं शरीर के अलग-अलग हिस्सों में होने वाले इन बर्थमार्क्स का क्या मतलब होता है और ये क्या प्रतीक होते हैं।

शरीर के विभिन्न अंगों पर जन्म चिन्ह का अर्थ
चेहरे पर बर्थमार्क- कई बार व्यक्ति के चेहरे पर भी बर्थमार्क होता है। इसका मतलब है कि व्यक्ति बहुत भावुक और बोलने वाला व्यक्ति है। ऐसे लोग बहुत अमीर होते हैं और इनका जीवन खुशहाल होता है। इनकी आर्थिक स्थिति भी काफी मजबूत होती है।
पीठ पर बर्थमार्क- व्यक्ति की पीठ पर बर्थमार्क उसकी ईमानदारी के बारे में बताता है। व्यक्ति ईमानदार और खुले विचारों वाला होता है। ऐसे लोग अपना हर काम पूरी लगन और ईमानदारी से करते हैं। साथ ही जीवन में सफलता प्राप्त करें।
छाती पर – व्यक्ति की छाती पर बना जन्मचिह्न उसे हर कार्य में सफलता के बारे में बताता है। वहीं व्यक्ति का स्वभाव भी हंसमुख होता है।
पेट पर- यहां जन्मचिह्न व्यक्ति के लालच और स्वार्थ को दर्शाता है। ऐसे लोगों के दोस्त भी कम होते हैं। ऐसे लोग सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं।
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गालों पर – दाहिनी ओर जन्मचिह्न मेहनती और काम के प्रति भावुक होने का प्रतीक है। जबकि बायीं ओर जन्म का निशान दुख और परेशानियों का प्रतीक है।
उंगली पर बर्थमार्क- ऐसे लोग आजादी से प्यार करते हैं और आजाद रहकर अपना जीवन जीना चाहते हैं। इन्हें किसी पर निर्भर रहना बिल्कुल भी पसंद नहीं होता है।
कंधों पर – व्यक्ति के बाएं कंधे पर जन्म का निशान अशुभ होता है। व्यक्ति जीवन भर परेशानियों से घिरा रहता है। वहीं दाहिने कंधे पर यह निशान शुभ संकेत देता है।
पैरों पर – जाँघों पर जन्म का निशान उसके भाग्य का प्रतीक होता है। ऐसे लोगों को हर कार्य में सफलता मिलती है।

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