भारत को राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भाला फेंक में पदक मिला है। अनु रानी ने रविवार को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया, यह उपलब्धि हासिल करने वाली देश की पहली महिला भाला फेंक खिलाड़ी बनीं। . रानी ने तीसरे प्रयास में 60 मीटर दूर भाला फेंक कर तीसरा स्थान हासिल किया। विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया की केल्सी ली बार्बर ने 64.43 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि उनकी हमवतन मैकेंजी लिटिल ने 64.27 मीटर के थ्रो के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।
जब महिलाओं के भाला फेंक की बात आती है तो अनु रानी भारत में एक बड़ा नाम है। उन्होंने हाल ही में लगातार दूसरी बार विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई है। हालांकि, वह पदक जीतने से चूक गईं। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में इस कमी को पूरा किया है। हालांकि, भारत की एक अन्य भाला फेंकने वाली शिल्पा रानी 54.62 मीटर के थ्रो के साथ सातवें नंबर पर रही।

National Javelin Day पर आया पदक
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने ठीक एक साल पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा के सम्मान में 7 अगस्त को राष्ट्रीय भाला दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। इसके पीछे उनका मकसद साफ था कि भारत के कोने-कोने में भाला ले जाया जाए। अनु ने कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतकर इस दिन को खास बना दिया है. भाला का आने वाले समय में भारत में एक उज्जवल भविष्य है।
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रानी के गांव में है जश्न का माहौल
अन्नू रानी बहादुरपुर गांव, मेरठ, उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं।अनु रानी ने घर पर सुबह से लोगो का आना जाना बना हुआ था और कांस्य पदक के पक्का होने बाद से घर पर पड़ोसियों और रिश्तेदारों का तांता लगा हुआ है हर कोई बधाई ले कर उनके घर पहुंच रहा है अन्नू रानी के पिता अमर पाल सिंह ने न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि, “हम सब बहुत खुश हैं, पूरा गांव खुशी में है। अन्नू ने बहुत संघर्ष देखा है… उसने बहुत मेहनत की है। हम उसका जोश के साथ स्वागत करेंगे।” उन्होंने महिलाओं की भाला फेंक में कांस्य पदक जीता
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